कस्तूरबा गांधी विद्यालय कोरुवा (चकराता) में छात्राओं को पीटने का आरोप, अभिभावकों का गुस्सा फूटा

By Nitin

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कोरुवा, चकराता : उत्तराखंड के चकराता स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में प्रधानाचार्या पर छात्राओं को शारीरिक रूप से उत्पीड़ित करने का गंभीर आरोप लगा है। यह मामला तब सामने आया जब विद्यालय की कहीं छात्राओं ने प्रधानाचार्या दीपमाला रावत के खिलाफ मारपीट की शिकायत की। आरोपों के अनुसार, प्रधानाचार्या ने छात्रों को इतनी बुरी तरह पीटा कि उनके शरीर पर नीले निशान तक पड़ गए।

क्या है मामला?

गुरुवार को विद्यालय में हुई इस घटना के बाद छात्राओं ने अपने अभिभावकों से संपर्क किया और अपनी दर्दनाक कहानी सुनाई। छात्राओं का आरोप है कि प्रधानाचार्या ने उन्हें मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का शिकार बनाया। इस घटना के बाद गुस्साए अभिभावकों ने शुक्रवार को विद्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी अभिभावकों ने प्रधानाचार्या के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और उसकी गिरफ्तारी की भी इच्छा जताई।

अभिभावकों का गुस्सा और विरोध

प्रदर्शनकारियों का गुस्सा जब और बढ़ा, तो उन्होंने चकराता-कालसी मार्ग पर जाम लगा दिया। जाम के कारण यातायात पूरी तरह से ठप हो गया और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सड़क पर करीब दो घंटे तक जाम लगा रहा, जबकि प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर उग्र हो गए थे। छात्रों के समर्थन में पूर्व विधायक प्रत्याशी चकराता कमलेश भट्ट, सांसद प्रत्याशी टिहरी बॉबी पंवार, रूद्र सेना के संस्थापक राकेश उत्तराखंडी भी धरना स्थल पर मौजूद रहें। पुलिस प्रशासन और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला और छात्राओं, अभिभावकों व जनप्रतिनिधियों को समझाया।

पुलिस और प्रशासन का हस्तक्षेप

घटना के बाद, पुलिस क्षेत्राधिकारी भास्कर लाल शाह ने अभिभावकों को लिखित आश्वासन दिया कि मामले की गहरी जांच की जाएगी और महिला कांस्टेबल की तैनाती की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। इसके बाद जाम हटा लिया गया और यातायात सामान्य हो गया।

प्रारंभिक जांच शुरू

स्थानीय प्रशासन ने नायब तहसीलदार मनोहर लाल अंजुवाल, चकराता थाने के सब-इंस्पेक्टर युद्धवीर सिंह और राजकीय इंटर कॉलेज कोरुवा के प्रधानाचार्य जगदीश सिंह सजवाण की उपस्थिति में प्रारंभिक जांच की। रिपोर्ट सीईओ देहरादून को भेज दी गई है और मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की कार्रवाई की जा रही है।

शिक्षा विभाग की भूमिका

इस घटना के बाद शिक्षा विभाग भी मामले की जांच में जुट गया है। शिक्षा विभाग ने प्रधानाचार्या और अन्य संबंधित स्टाफ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है। विभाग की टीम ने यह भी बताया कि विद्यालय की स्थिति और वहां के माहौल को जांचा जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन न हो।

मामले की गंभीरता

यह मामला शिक्षा के अधिकार और बच्चों की सुरक्षा के संदर्भ में एक गंभीर मुद्दा बन गया है। कस्तूरबा गांधी विद्यालय जैसी संस्थाओं में जहां छात्राओं को एक सुरक्षित और संरक्षित वातावरण मिलना चाहिए, वहां इस तरह की घटनाएं चिंता का कारण बनती हैं। अभिभावक और समाज दोनों ही इस मामले की पूरी जांच और न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।

निष्कर्ष

कस्तूरबा गांधी विद्यालय में छात्राओं के साथ हुई कथित मारपीट और उत्पीड़न के मामले ने शिक्षा और बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। इस घटना के बाद न केवल अभिभावक बल्कि समाज और प्रशासन भी पूरी तरह से इस मामले की जांच में जुट गया है। अब यह देखना होगा कि मामले में आरोपित प्रधानाचार्या पर क्या कार्रवाई होती है और क्या ऐसी घटनाओं से भविष्य में कोई सीख मिलती है।

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